साहित्य-संसार

Saturday, March 25, 2006

सबसे अच्छा परजा

जो राजा की पालकी के साथ

नहीं दौड़ती

जो राजा के जूतों का गीत

नहीं गुनगुनाती

जो राजा की मुद्राएँ देखकर

चेहरे की भाषा नहीं बदलती

जो राजा के यश के लिए

फ़क्क़ सुफ़ैद शब्द नहीं जुटाती

अच्छी परजा होती है वह भी

अच्छा परजा जनमती है

बिरादरी की ख़ुशहाली के लिए

अच्छी परजा चली जाती है

बिरादरी की ख़ुशहाली के लिए

सबसे अच्छी परजा बहुत बुरी होती है

राजा के राजपत्र में

परजा ही होती है

अच्छा राजा


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