साहित्य-संसार

Friday, March 31, 2006

और भी थे कुछ

महासंग्राम में दिखाई थी जिन्होंने मर्दानगी
वे अवतारी राम
पराक्रमी लक्ष्मण या महाबली हनुमान ही नहीं थे
नहीं थे केवल सेनापति सुग्रीव
युवराज अंगद
या फिर मंत्री जामवंत
नल-नील भी नहीं थे केवल
महासंग्राम में
प्राणोत्सर्ग तक कर देने वाले
और भी थे कुछ
कुछ भालू
कुछ वानर
लंका-विजय के पश्चात भी
लौट नहीं सके थे जो
अपने-अपने घर
कहाँ हैं वे अनाम इतिहास में
फ़िलवक़्त
भटके बिना रचनी होगी
कुछ गीत कुछ कविताएँ
केवल उन्हीं अनामों के नाम

जिनके बारे में हम जितना जानते हैं
उतना ही नहीं होता सब कुछ
और भी होता है कुछ

और भी थे कुछ

******



0 Comments:

Post a Comment

<< Home