साहित्य-संसार

Monday, March 27, 2006

बचे रहेगें सबसे अच्छे


अच्छे मनुष्य बचे रहेंगे
उनके हिस्से की दुनिया से
चले जाने के बाद भी
लोककथाओं की असमाप्त दुनिया के
राजकुमार की तरह

बहुत अच्छे मनुष्य बचे रहेंगे
उनके हिस्से की दुनिया से
चले जाने के बाद भी
हवा-आग-पानी की तरह
अपनी दुनिया के आसपास की दुनिया में

सबसे अच्छे मनुष्य बचे रहेंगे
उनके हिस्से की दुनिया से
चले जाने के बाद भी
ख़ुशबू की तरह
समूची दुनिया को छतनार
करते हुए गुलाब की तरह
ख़ुशबू जो आग-हवा-पानी है

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